अमेजॉन नदी का इतिहास | History Of Amazon River
अमेजॉन नदी का इतिहास थोड़ा दिलचस्प है, आज के दौर में जिस अमेजॉन नदी को आप देख रहे है यह पहली इस स्वरुप में नहीं थी। क्रेटेशियस काल के दौरान, प्रारंभिक अमेजॉन नदी प्रोटो-अमेज़न-कांगो नदी प्रणाली के साथ पश्चिम की ओर बहती थी, जो अफ्रीका के आंतरिक भाग से निकलती थी जब महाद्वीप पश्चिमी गोंडवाना के रूप में एकजुट थे। 80 मिलियन वर्ष पहले दोनों महाद्वीप अलग हो गए। पंद्रह मिलियन वर्ष पहले, एंडीज पर्वत श्रृंखला का इस समय जहां आज दक्षिणी अमेरिका है उस जगह की विवर्तनिक प्लेटों में हलचल होने लगी इन प्लेटों की। हलचल के कारण दक्षिण अमेरिका के नीचे की टेक्टोनिक प्लेटों में भी काफी हलचल होने लगी और वे पासपास आने लगी जब यह प्लेटें आपस में टकराई तो इसके कारण इनके ऊपर का भूभाग एक जगह पर इकट्ठा होने लगा और उसमें उभार आने लगा टेक्टोनिक प्लेटों और विवर्तनिक प्लेटों का कुछ हिस्सा आपस में फोल्ड होते हुए एंडीज पर्वत श्रृंखला के रूप में अस्तित्व में आया। दक्षिण अमेरिकी प्लेट के नीचे नाज़्का प्लेट का सबडक्शन इस टेक्टोनिक हलचल का कारण बनता है।
The Andes Mountains Range - South America - Image Credits - Internet
एंडीज़ की ऊँचाई और ब्राज़ीलियाई और गुयाना ढाल चट्टानों के जुड़ाव के कारण अमेजॉन नदी का रास्ता बंद हो गया और परिणाम स्वरूप अमेजॉन बेसिन एक बड़े आंतरिक समुद्र में बदल गया। समय के साथ, अंतर्देशीय समुद्र एक बड़ी दलदली, मीठे पानी की झील में बदल गया, जिससे समुद्री जीव इस नए वातावरण में समायोजित हो गए। 10 से 11 मिलियन साल पहले जब पृथ्वी पर ग्लेशियर युग का दौर आया तब समुद्र का जल स्तर गिर गया जिसके कारण बनी यह विशाल अमेजॉन झील बह गई झील के बहने के कारण यह एक नदी में परिवर्तित हो गई इस तरह से पहली बार आज से लगभग 11 मिलियन साल पहले अमेजॉन नदी अस्तित्व में आई।
उस अवधि के दौरान, अमेजॉन नदी पूर्व की ओर बहती थी, जिससे दोनों तरफ बड़े अमेजॉन वर्षावनों का विकास हुआ, क्योंकि उन्हें नदी के पानी से पोषक तत्व प्राप्त होते थे। ऐसा माना जाता है कि एंडीज़ पर्वत का विकास तब शुरू हुआ जब टेक्टोनिक प्लेटें हिलने लगीं। जैसे-जैसे क्षेत्र में भूकंप अधिक आने लगे, अमेजॉन नदी का मार्ग बदल गया और पूर्व की तरफ बहने वाली नदी पश्चिम दिशा में बहने लगी। एंडीज पर्वत श्रृंखला के लगातार आकार के बढ़ने के कारण यह मार्ग पूरी तरीके से बंद हो गया और बहती अमेजॉन नदी ने अपना दूसरा मार्ग निकाल लिया। इस तरह से अमेजॉन नदी पश्चिम की तरफ बहने लगी जहां पहले अमेजॉन नदी प्रशांत महासागर में गिरती थी पर अब अमेजॉन नदी अपना सफर अटलांटिक महासागर में गिर कर पूरा करती है।
अमेजॉन नदी का उद्गम | Amazon River's Origin
Source Of Rivers Origins - Image Credits - Internet
अधिकांश नदियों का एक मुख्य स्रोत होता है, जिनमें से कई नदियां ग्लेशियरों से शुरू होती हैं जबकि अन्य बारिश के दौरान पहाड़ो से निकलने वाले पानी से शुरू होती हैं और बारिश रुकने के बाद बहना बंद कर देती हैं। कुछ नदियाँ कई नदियों के मिलने से उत्पन्न होती हैं, जबकि अन्य का निर्माण पहाड़ों या धरती से निकलने वाले झरनों से होता है। इस तरह से अलग-अलग मानक बिंदुओं से पूरी दुनिया में नदियों के उद्गम स्थान को पहचाना जाता है लेकिन अमेजॉन नदी के मामले में यह काफी सस्पेंसिव है।
Amazon River Origins And End - Image Credits - Internet
अमेजॉन नदी दक्षिण अमेरिका के आठ देशों से होकर गुजरती है यह आठ देश हैं Brazil, Bolivia, Peru, Ecuador, Colombia, Venezuela, Guyana, Suriname और French Guiana. 1707 में एक भूगोल विद (Geographer) फादर फ्रिज (Father Friz) ने अमेजॉन नदी का एक नक्शा बनवाया और इसे छाप दिया जिसमें उन्होंने बताया कि अमेजॉन नदी लोरी कोटा झील (Lori Cota Lake) से निकलती है और बताया कि अमेजॉन नदी की सहायक नदी मारा नोन इसका स्टार्टिंग पॉइंट (Starting Point) है। मारा नोन नदी पेरू में बहती है। इस हिसाब से अमेजॉन नदी का उद्गम स्थान पेरू में है क्योंकि उनका मानना था कि अमेजॉन नदी में सबसे ज्यादा पानी मारा नोन नदी से ही आता है और इस कारण से इसे ही अमेजॉन नदी का उद्गम स्थान माना जा सकता है। लेकिन इस बात पर भी आज तक पूरी दुनिया में आम राय नहीं बन पाई है।
The Apu Rimac River - Peru - Image Credits - Internet
ऐसी ही एक कोशिश 20वीं शताब्दी के दौरान हुई जब अनेक खोज कर्ताओं ने पाया कि अमेजॉन नदी की शुरुआत पेरू की एप रिमेक नदी से होती है। लेकिन इस बात पर भी आज तक पूरी दुनिया में सभी भूगोल वेता एक राय नहीं बना पाए। वहीं आज भी इस पर एक विवाद की स्थिति बनी हुई है। इसी तरह से पूरी दुनिया में अमेजॉन नदी के उद्गम स्थल के साथ-साथ सहायक नदियों को लेकर के भी मतभेद पैदा हो गया है।
इस कहानी में एक बार फिर से नया मोड़ तब आया जब 1960 में पेरू के ही एक भूगोल विद ने घोषणा की कि पेरू की एप रिमेक नदी का उद्गम स्थान पेरू में नेवादो मिस्सी नाम की जगह से होता है, और इस कारण से अमेजॉन नदी का यही उद्गम स्थान हो सकता है। 1960 के दशक में इस तरह के विचार रखने वाले भूगोल विज्ञानी थे कार्लोस पेन (Carlos Paine), हेरा डेल गायलाइनर (Hera Del Guayliner) मुख्य उद्गम स्थान माना जाता है। लेकिन इस पर भी अधिकतर वैज्ञानिक आज भी सहमत नहीं होते हैं।
इस कहानी में साल 2000 में फिर से एक नया मोड़ आया तब यह कहा गया कि अमेजॉन नदी का उद्गम स्थान पेरू में कैरुहासांता (Carruhasanta)से होता है। पेरू में स्थित यह जगह एप रिमेक नदी से ऊपर स्थित है और यही वह स्थान है जहां से अमेजॉन नदी की सहायक नदी एप रिमेक का उद्गम होता है यही कारण है कि आज अमेजॉन नदी का उद्गम स्थान यहीं से माना जाता है।
Mantaro River Valley - Southern Region Peru - Image Credits - Internet
लगातार अमेजॉन नदी का उद्गम स्थान समय-समय पर बदलता रहता है। यह विवाद यहीं पर नहीं रुका एक बार फिर से इस विवाद ने हवा लेना शुरू किया और साल 2014 में जेम्स केंट्स ने कहा कि जिस पॉइंट को पूरी दुनिया अमेजॉन का उद्गम स्थान मानती है। उसे अब बदल दिया जाना चाहिए क्योंकि पानी की मात्रा की उपस्थिति के आधार पर देखा जाए तो अमेजॉन की सहायक नदी पेरू की ही दूसरी नदी न मंटारो (Mantaro) नदी है, क्योंकि यह नदी वर्ष भर पानी से भरी रहती है और साथ ही साथ यह वर्ष भर बहती भी रहती है। अगर पानी की मात्रा के आधार पर देखा जाए तो इस नदी में दूसरी किसी भी नदी से ज्यादा पानी होता है और यही कारण है कि जेम्स केंट्स का मानना है कि मंटारो नदी ही अमेजॉन नदी का निर्माण करती है। जेम्स केंट्स ने अपनी खोज साल 2012 में शुरू की थी अपनी इस खोज में जेम्स केंट्स ने अमेजॉन नदी की सहायक नदी मानी जाने वाली एप रिमेक और मंटारो नदी का उपग्रह की सहायता से काफी सालों तक अध्ययन किया जेम्स केंट्स ने जब इन दोनों नदियों के उपग्रह से ली गई तस्वीरों का अध्ययन किया तो पाया कि मंटारो नदी एप रिमिक नदी से करीब-करीब 75 किलोमीटर से लेकर के 77 किलोमीटर ज्यादा बड़ी है। इसलिए जेम्स केंट्स कहते हैं कि मंटारो नदी ही अमेजॉन नदी का उद्गम स्थान है।
लेकिन अभी भी लोग जेम्स केंट्स की इस बात से सहमत नजर नहीं आते हैं क्योंकि उनका मानना है कि मंटारो नदी साल के अधिकतर महीनों तक लगभग सूखी ही रहती है जब इस नदी पर साल 1972 में बांध बनाया गया तो इसके कारण इस नदी की धारा बदल गई और इससे नदी का पानी काफी कम हो गया लेकिन जेम्स केंट्स का कहना है कि चाहे नदी का पानी कम हो जाए लेकिन फिर भी मंटारो नदी में थोड़ा ही सही लेकिन पानी तो रहता ही है यह विवाद आज तक जारी है और कोई नहीं जानता कि अमेजॉन नदी का वास्तविक उद्गम स्थल कहां है और अमेजॉन नदी की वास्तविक लंबाई कितनी है।
अमेजॉन नदी की सहायक नदियों | Amazon River Tributaries
Amazon River Tributaries - Image Credits - en.aguasamazonicas.org
अमेजॉन नदी की करीब 1100 से भी ज्यादा सहायक नदियाँ हैं इन 1100 सहायक नदियों में से करीब 17 नदियाँ तो ऐसी है जो 1500 किलोमीटर लंबी है इनमें से कुछ नदियाँ इस प्रकार है जो अमेजॉन की सहायक नदियाँ हैं और काफी विशाल है। मदीरा नदी यह ब्राजील की सबसे प्रमुख नदी है और इसकी लंबाई करीब 3250 किलोमीटर है पुरुस नदी यह भी ब्राजील से निकलने वाली नदी है और इसकी लंबाई करीब 3210 किलोमीटर है, यह नदी भी अमेजॉन की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है। इनके अलावा अमेजॉन नदी में जपुरा नदी भी मिलती है जो 2820 किलोमीटर लंबी है। टोकनटीन्स 2639 किलोमीटर लंबी है आरागुया जो कि टोकनटीन्स की प्रमुख सहायक नदी में से एक मानी जाती है। यह यहां अमेजॉन की भी सहायक नदी है और इसकी लंबाई 2627 किलोमीटर है। जरुआ नदी जिसकी लंबाई 2400 किलोमीटर है, रियो निग्रो की लंबाई 2250 किमी, तपोजोश जिसकी लंबाई 1992 किलोमीटर, जिंगू जिसकी लंबाई 1979 किलोमीटर, उकायाली 1900 किलोमीटर लंबी, हैगुवापोरे 1749 किलोमीटर लंबी और इका 1575 किलोमीटर लंबी अमेजॉन की सहायक नदी है। अमेजॉन नदी की अनेक सहायक नदियों के होने के कारण यह दुनिया का सबसे बड़ा जल बेसिन क्षेत्र का निर्माण करती है दक्षिणी अमेरिका का 40 प्रतिशत इलाका अमेजॉन नदी के जल बेसिन क्षेत्र में आता है जो 70 0000 किलोमीटर लंबा है अमेजॉन नदी में वर्ष भर बहने वाले पानी के कारण अमेजॉन नदी अमेजॉन की विशाल वर्षा वनों को विकसित करती है।
अमेजॉन रिवर लाइफ | Amazon River Life
3000 Fish Species Live In The Amazon River - Image Credits-newscgtn.com
अमेजॉन नदी का लगभग 54 लाख किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ बेसिन अपने आप में दुनिया का सबसे बड़ा जल बेसिन है। अमेजॉन नदी अपने आप में एक बहुत बड़ा इकोसिस्टम है जैव विविधता के मामले में अमेजॉन के वर्षावन और अमेजॉन नदी काफी समृद्ध है। अमेजॉन नदी के बेसिन में मछलियों की लगभग 3000 प्रजातियों को खोजा जा चुका है इसके अलावा लगातार यहां पर खोज जारी है। केकड़े शैवाल और कछुओं की भी हजारों प्रजातियां पाई जाती है।
Arapiama Fish Is Largest Fish Found In Amazon Fresh Water - Image Credits - Pinterest
अमेजॉन नदी में अरपाइमा नाम की मछलियां पाई जाती हैं इन्हें ब्राजील में पिरारुकू के नाम से जाना जाता है। इसे दुनिया की ऐसी सबसे बड़ी मछली माना जाता है जो मीठे पानी में पाई जाती हैं। यहां पर पाई जाने वाली अरपाइमा 15 फीट तक लंबी भी होती है।
The Red Piranha Fish In Amazon River - Image Credits - Unsplash
यहां पर अरोवा और खतरनाक पिराना मछलियां बड़ी मात्रा में पाई जाती हैं। इस पानी में पाई जाने वाली यह मछलियां शिकारी मछलियां मानी जाती हैं, इन मछलियों में से अरोवा सबसे बड़ी शिकारी मछली मानी जाती है जिसका आकार लगभग 47 इंच तक होता है। अमेजॉन नदी के इस उथले पानी में पिरहाना मछलियों की 30 से लेकर के 60 प्रजातियां पाई जाती हैं। इन्हें सर्वाहारीमछलिया माना जाता है यह मछलियां नदी के पानी में आने वाले जानवरों को अपना शिकार बना लेती हैं और इन मछलियों की कुछ प्रजातियां तो मनुष्यों को भी अपना शिकार बना लेती हैं। मनुष्यों का शिकार करने वाली सबसे खतरनाक पिराना मछली लाल पिराना यहां काफी संख्या में पाई जाती हैं।
More Than 1200 Catfish Species Found In Amazon River - Image Credits - Internet
अमेजॉन नदी में कैटफिश की भी एक प्रजाति पाई जाती है। जो कैटफिश की 1200 प्रजातियों में से एक मानी जाती है इसके अलावा यहां पर कैटफिश की दूसरी प्रजाति कुमाकुमा भी पाई जाती हैं। यह मछली अपने आकार और वजन की वजह से इस प्रजाती की सबसे बड़ी मछलियों में से एक मानी जाती है। कुमाकुमा मछली का आकार अमेजॉन नदी में लगभग 12 फीट तक पाया जाता है तो वहीं इसका वजन 200 किलोग्राम तक पाया जाता है।
The Amazon River Dolphin - Image Credits - machutravelperu.com
अमेजॉन नदी डॉल्फिन की एक विशेष प्रजाति का घर है जिसे अमेज़न नदी डॉल्फिन कहा जाता है यह डॉल्फिन लगभग 83 फीट तक की लंबाई में होती हैऔर इसकी त्वचा का रंग इसकी उम्र के साथ लगातार बदलता रहता है युवावस्था में अमेजॉन नदी के डॉल्फिन का रंग हरा होता है लेकिन लगातार उम्र बढ़ने के साथ-साथ गुलाबी होते हुए अंत में यह सफेद रंग की हो जाती है।
The Green Anaconda Of Amazon River - Image Credits - suchscience.net
अमेजॉन नदी के इस उथले पानी में हरे रंग के एनाकोंडा भी पाए जाते हैं जो पानी में रहने वाले अजगर की एक प्रजाति है। यह एक ऐसी प्रजाति है जो पूरी दुनिया में सिर्फ अमेजॉन के वर्षावन में बहने वाली अमेजॉन नदी के उथले पानी में पाए जाते हैं, यह जीव लगभग 5 मीटर तक लंबा होता है और लगभग 500 किलो वजन का होता है। यह इस पानी में पाया जाने वाला सबसे फुर्तीला और सबसे खतरनाक शिकारी जानवर माना जाता है।
अमेजॉन नदी और वर्षावन प्रकृति का एक अद्भुत नमूना है जो प्राकृतिक आश्चर्य और प्राकृतिक संपदा से भरा हुआ है। लेकिन लगातार बदलते पर्यावरण और बिगड़ती पर्यावरण परिस्थितियों के कारण अमेजॉन के वर्षावन लगातार घटते जा रहे हैं साथ ही साथ यहां पर होने वाली बारिश में भी लगातार कमी देखी जा रही है जिसके कारण अमेजॉन नदी में पानी की आवक कम हो गई है। अगर हमने प्रकृति के संरक्षण की ओर ध्यान नहीं दिया तो हो सकता है कि करोड़ों साल पुरानी इस वन संपदा और प्रकृति के आश्चर्य को हम हमेशा के लिए खो दे।