हम आज ज़िंदा है और फिर ज़िंदा होंगे
और कई रूपों में वापस आएंगे
रेगिस्तान की रेत में अनंत काल के लिए उसे दफना दिया गया। अँधेरे की चादर ओढ़े वह सदियों तक छुपा रहा। जिसकी मौत एक अनसुलझा रहस्य है, एक ऐसा रहस्य जिसे इतिहास ने मिटा दिया और समय भूल गया। पर अतीत हमेशा के लिए दफ़न नहीं रहता, समय की धूल जब हटती है तो कई राज़ खुल कर समाने आते है। 3000 सालों से गुमनामी की आगोश में सोया मिस्र का वह फरोह जिसके मकबरे की खोज ने उसे रातों रात मशहूर कर दिया। जिसके शाप ने कई लोगो की जाने ली और जिसके खजाने ने खोजकर्ताओं के होश उड़ा दिए। प्राचीन मिस्र के सबसे दिलचस्प रहस्यों में से एक आज हम जानेगे क्यों है इतना मशहूर तूतनख़ामुन?
कौन और क्यों मशहूर है सम्राट तूतनख़ामुन? | Why Tutankhamun Is So Famous?
9 साल की उम्र में गद्दी और 18 साल की उम्र में रहस्यमयी मौत सिर्फ इतनी ही देर की कहानी है सम्राट टट यानी तूतनख़ामुन की। तूतनखामुन मिस्र के इतिहास में सबसे रहस्यमयी शख्सियतों में से एक थे, वे प्राचीन मिस्र के 18वें राजवंश के वंशज थे। अपने पिता अखेनातेन की मृत्यु के बाद महज 9 साल की उम्र में उन्हें प्राचीन मिस्र के इतिहास में एक चुनौतीपूर्ण समय के दौरान मिस्र का सम्राट बना दिया गया। इनका राजकीय काल 1333 to 1323 B.C तक चला और लगभग 18 साल की उम्र में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई।
अपने शासन काल में सम्राट टट ने पारंपरिक मिस्र के धर्म और कला को बहाल करने में मदद की जिसे इनके पिता अखेनातेन ने अलग कर दिया था। उन्होंने पुराने मंदिरों की मरम्मत की और देवताओं की नई मूर्तियों बनवाई, धार्मिक प्रथाओं को पहले की तरह बदल दिया गया। जब तूतनखातेन राजा बने तो अपनी ही बहन,अन्खसेनपाटेन से शादी की, जिसने बाद में अपना नाम बदलकर अन्खसुनामुन रख लिया। उन्होंने दो बेटियों को जन्म दिया जिनकी जन्म के समय या उसके तुरंत बाद मृत्यु हो गई और उनकी दोनों मृत बेटियों को सम्राट तूतनखामुन के साथ ही दफनाया दिया गया।
जिस दौर में अधिकाँश फरोह का मकबरा बड़े आलिशान तरीके से तैयार किया जाता था और जहां बहुत से कमरे होते थे जिनमें मौत के बाद के सफर के लिए उनकी जरुरत और पसंदीदा चीज़ें रखी जाती थी, वही पर तूतनखामुन की मृत्यु के बाद उनको जल्दबाज़ी में एक असामान्य रूप से छोटे से मकबरे में ही दफना दिया गया। एक्सपर्ट का कहना है की कब्र के अंदर पेंट पर फफूंद के धब्बे से पता चलता है कि मजदूरों ने कब्र को सील करने से पहले पेंट को पूरी तरह से सूखने भी नहीं दिया और जल्दबाज़ी में सारा काम निपटा दिया।
तूतनखामुन के बाद के फिरौन चाहते थे कि लोग अखेनातेन और उससे जुड़े किसी भी व्यक्ति को भूल जाए - जिसमें तूतनखामुन भी शामिल थे। उनका नाम राजाओं की सूची से हटा दिया गया और उनके सम्मान में स्थापित मूर्तियाँ नष्ट कर दी गईं। समय के साथ, लोग इस अल्पकालिक राजा के बारे में सब कुछ भूल गए। केवल 150 साल बाद, मजदूर ने तूतनखामुन के ठीक ऊपर रामसेस VI की कब्र बनाई, यह भूल गए कि तूतनखामुन की कब्र कभी वहां पर थी। तूतनखामुन की मृत्यु से अठारहवें राजवंश की शाही वंशावली का अंत हो गया।
तूतनखामुन की मृत्यु कैसे हुई यह आज भी अनसुलझी गुत्थी है, हालाँकि, 2010 में वैज्ञानिकों को तूतनखामुन के अवशेषों में मलेरिया परजीवियों के निशान मिले, जो दर्शाता है कि मलेरिया, शायद अपक्षयी हड्डी रोग (Degenerative Bone Disease) के साथ मिलकर उनकी मौत का कारण बना।
3000 सालों तक तूतनखामुन का मकबरा दूसरे फिरौन के मकबरे और मजदूरों के घरों के नीचे दबा रहा। जब होवार्ड कार्टर ने 1922 में तूतनखामुन के मकबरे को ढूंढ निकला तो तूतनखामुन के सामने बाकि सारों फिरौन के चमक फीकी पड़ गयी और उनके मकबरे से मिले ख़ज़ाने ने उन्हें पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया।
कहाँ मिला सम्राट टट का मकबरा ? | Where Was The Tomb Of Emperor Tut Found?
साल 1922, जगह वैली ऑफ़ दी किंग्स (Valley Of The Kings); अपने टेंट में बैठे होवार्ड कार्टर (Howard Carter) मजदूरों के काम को देखते हुए यह बात सोच रहे थे की यह मेरी आखिर कोशिश है तुम्हे ढूंढ़ने की सम्राट टट इस बार तुम नहीं मिले तो तुम ढूंढ़ना बंद करना होगा। रेगिस्तान की गर्मी और खुदाई के काम ने मजदूरों को थका दिया था ढलते सूरज ने शाम को पनाह दे दी थी और खुदाई बंद कर सारे मजदुर घर जा रहे थे, निराशा से भरे कार्टर शाम की चादर में लिपटी रात की परछाई आसमान पे छाते देख रहे थे, पर बाहर होते शोर ने उनके इस भ्रम को तोड़ दिया और फिर एक मजदुर ने हाँफते सांस में कहा 'मुझे कुछ मिला है', क्या मिला है तुम्हे? कार्टर ने पूछा, मजदूर ने कहा किसी "मकबरे का मुहाना"
सालों की निराशा भरी आँखों में उम्मीद की चमक नज़र आने लगी और अगले दिन कार्टर ने मजदुर के बताई जगह पर खुदाई का काम शुरू कर दिया। रेत के भण्डार को हटाया जाने लगा, मकबरे तक जाती सीढ़ियों का रास्ता साफ़ किया गया और फिर मिला तूतनख़ामुन की मोहर लगा मिट्टी के पलस्तर का बना दरवाज़ा जिसे तोड़ के हटाया गया फिर आया सीधा गलियारा, गलियारे के अंत में आया मिट्टी के पलस्तर से बना दूसरा दरवाज़ा जिसने अतीत के राज़ को अपने पीछे छुपा रखा था। 26 नवंबर को होवार्ड कार्टर (Howard Carter), लार्ड कार्नरवॉन (Lord Carnarvon) और उनकी बेटी के साथ मकबरे में दाखिल हुए, कार्टर ने मिट्टी के पलस्तर से बने दरवाजे के ऊपरी बाएं कोने में एक छोटी सी दरार बनाई जिससे वह मोमबत्ती की रोशनी में अंदर देख सके तभी कार्नरवॉन ने पूछा, "क्या आप कुछ देख सकते हैं?" कार्टर ने जवाब दिया दिया "हाँ, अद्भुत चीजे..!
तूतनख़ामुन का खज़ाना | Treasure Of Tutankhamun
मिटटी से बने उसे दरवाज़े को गिरया गया और कार्टर के आँखों के सामने था उपकक्ष (Antechamber) जिसमे थे जवेरात, धार्मिक वस्तुएँ, ताबीज, संदूक, कुर्सियाँ, हथियार, संगीत वाद्ययंत्र और शाही प्रतीक चिन्ह। हस्तशिल्प विशेषज्ञों द्वारा निर्मित और आबनूस, अलबास्टर, कीमती पत्थर-सोना, सोने के हार, सोने के कंगन, सोने के खंजर और सोने के मंदिर। उपकक्ष (Antechamber) के ठीक पीछे था एक कमरा जिसे एनेक्स (Annex) कहा गया। यह तूतनखामुन के मकबरे के चार कमरों में से सबसे छोटा है, लेकिन इसके उपभवन में सैकड़ों ईख की टोकरियों और मिट्टी के बर्तनों से भरा हुआ था, जिसमें मृत राजा के लिए प्रावधान थे। जो 3000 सालों से रेगिस्तान की खोख में दफन था। उपकक्ष (Antechamber) में 600 और एनेक्स (Annex) में 280 बेशकीमती चीज़ें मिली।
उपकक्ष (Antechamber) और एनेक्स (Annex) के बाद खोला गया बॅरिअल चैम्बर (Burial Chamber) जहाँ सदीयों से मौत की नींद सोया था तूतनख़ामुन अपनी कब्र में। बरियल चेंबर के अंदर जो ताबूत था, उसका वजन 1.23 टन था इसके आकार के कारण इसे खोलना मुश्किल हो गया था। जब उसको खोला गया तो अंदर दो और ताबूत थे जो लकड़ी के बने थे सबसे आखिरी यानी तीसरा ताबूत जो पूरा सोने का बना था। इसी में तूतनखामेन की ममीफाईड बॉडी रखी थी। तूतनखामेन के मकबरे में दीवार पर शानदार पेंटिंग्स मिली थी जिसमे उनके जीवन काल को दर्शाया गया था।
जब ट्रेजर चैम्बर (Treasure Chamber) खोला गया तो उसमे मिले सोने की बेशकीमती चीजें। इन चीजों में राजा टट का डेथ मास्क, लोहे का चाकू, सोने का सिंहासन और शानदार पेंटिंग्स थी। ऐसी चीज़ें जिसकी बनावट और कारीगरी ने पुरातत्त्वज्ञों को हैरानी में डाल दिया। सोने की चीजें से भी कीमती एक और चीज़ मिली लोहे का चाकू जिसने एक्सपर्टों को परेशान कर दिया क्यों की उस दौर में धरती पर लोहा नहीं मिलता था। शोधकर्ताओं ने बताया की ये चाक़ू जिस धातु धरती के बाहर किसी उल्कापिंड का है। तूतनखामेन के खजाने की संख्या 5000 से भी ज्यादा थी जिसको डॉक्युमेंटेड करने में होवार्ड कार्टर को पुरे 10 साल लग गए।
तूतनखामुन का डेथ मास्क (Death Mask) ओसिरिस देवता का प्रतीक है। मास्क उस भगवान के गुणों को
धारण करता है, लेकिन समानता तूतनख़ामुन की है - शांत और सुंदर, उन्हीं विशेषताओं के साथ जो
हम उनकी मूर्तियों और ताबूतों पर पाते हैं। यह डेथ मास्क (Death Mask) मूल रूप से तूतनखामुन के
ममीकृत शरीर के सिर पर रखा हुआ पाया गया था। यह मास्क आधुनिक मिस्र के लिए एक
प्रतिष्ठित प्रतीक है। मास्क के हेड क्लॉथ के ऊपर कोबरा
(वाडजेट) और गिद्ध (नेखबेट) का शाही प्रतीक चिन्ह होता है, जो निचले मिस्र और ऊपरी
मिस्र दोनों पर तूतनखामुन के शासन का प्रतीक है। मास्क सोना, लापीस लाजुली (Lapse Lazuli), कारेलियन
(Carnelian), ओब्सीडियन (Obsidian), फ़िरोज़ा, रंगीन कांच और कीमती पत्थरों
की जड़ाई से बना है जो
प्राचीन मिस्र के शिल्प कौशल का बेहतरीन उदहारण है। मास्क का वजन 10 Kg था। मास्क का पिछला भाग बुक ऑफ़
डेड (Book Of Dead) के मंत्र 151बी से ढका हुआ है, जिसे मिस्रवासी मृत्यु के
बाद के जीवन के लिए एक रोड मैप के रूप में इस्तेमाल करते थे। मजूदा वक़्त में तूतनख़ामुन का
खजाना ग्रैंड इजिप्ट मिउजियम (Grand Egypt Museum), कियारो में रखा गया है।
तूतनखामुन की विरासत साज़िश, सुंदरता और रहस्य से बुनी हुई एक टेपेस्ट्री है। तूतनखामुन प्राचीन मिस्र की सबसे प्रतिष्ठित शख्सियतों में से एक बना हुआ है। जिसने इतिहास की सबसे महान सभ्यताओं में से एक के बारे में हमारी समझ को हमेशा के लिए बदल दिया। आज, तूतनखामुन अतीत और वर्तमान के बीच एक पुल के रूप में खड़ा है, जो प्राचीन सभ्यताओं के स्थायी आकर्षण और रहस्य का प्रतीक है। उनका जीवन भले ही संक्षिप्त और चुनौतियों से भरा था, लेकिन उन्होंने इतिहास पर एक अमिट छाप छोड़ी, जो हमें युगों-युगों तक मानव यात्रा की जटिलताओं और चमत्कारों की याद दिलाती है।