क्या थी औद्योगिक क्रांति? | What Was The Industrial Revolution?

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आज के युग में मोबाइल पर किये गए एक क्लिक में हर चीज़ बड़ी आसानी से सीधे हमारे घर पर पहुँच जाती है। खाने पीने की चीज़ों से लेकर, कपड़े, जूते, बिस्तर, कास्मेटिक और ना जाने क्या क्या बड़ी अच्छी क्वालिटी और कम समय में हमें मिल जाते है। पर आपने कभी यह सोचा है की ये सब चीज़े इतनी जल्दी और कम समय में बनकर और पैक हो कर हमारे पास कैसे पहुँच जाते है। सडकों पर आपने बाइक और कारे तो बहुत दौड़ाई होंगी, ट्रैन और हवाई जहाज में भी सफर किया होगा पर कभी आपने सोचा है यह छुक छुक करती ट्रैन किसने बनाई और किसने सोचा इसके बारे में, यह बादलों को चीरता हुआ हवाई जहाज कैसे बना? आप सोच रहे होंगे की यह तो फैक्ट्रीज में बनते है और हमारे पास पहुंचा दिए जाते; पर सवाल यह है की आखिर इन फैक्ट्रीज की शुरुवात कैसे और कहाँ हुई। कैसे फैक्ट्रीज में उत्पाद बनाये गए और इतनी जल्दी हमारे पास कैसे पहुँच गए? कैसे फैक्ट्रीज और इंडस्ट्रीज ने इंसान के जीने और काम करने के तरीके को हमेशा के लिए बदल दिया। आपके सभी सवालों का एक ही जवाब है इंडस्ट्रियल रेवोलुशन (Industrial Revolution) यानी औद्योगिक क्रांति, 

एक ऐसी क्रांति जिसने इंसान की ज़िन्दगी और भविष्य को एक नयी दिशा दी। चलिए आज जानते है हम क्या थी औद्योगिक क्रांति?

    क्या है औद्योगिक क्रांति की परिभाषा?

    औद्योगिक क्रांति की परिभाषा - औद्योगिक क्रांति का साधारण अर्थ है- हाथों द्वारा बनाई गई चीज़ों के स्थान पर आधुनिक मशीनों के द्वारा बड़े पैमाने पर चीज़ों को बनाने की प्रक्रिया या प्रोसेस को औद्योगिक क्रांति कहते है 

     

    कहाँ, कैसे और क्यों शुरू हुई औद्योगिक क्रांति?

    Roberts Loom In A Weaving Shed In The United Kingdom In 1835 - Image Credits - Wikipedia
     
    1760 के आसपास ग्रेट ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति शुरू हुई और 1830-1840 के दशक तक यह ब्रिटैन में रही फिर जल्द ही संयुक्त राज्य अमेरिका सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गई। औद्योगिक क्रांति 18वीं शताब्दी में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति का काल था जिसने अधिकांश ग्रामीण, कृषि समाजों को - विशेष रूप से यूरोप और उत्तरी अमेरिका में - औद्योगिक, शहरी समाजों में बदल दिया। जो सामान कभी बड़ी मेहनत से हाथ से तैयार किया जाता था, अब कारखानों में मशीनों द्वारा बड़े पैमाने पर उत्पादित किया जाने लगा है।
     
    आपको यह जान कर हैरानी होगी की यूरोप के हॉलैंड, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश इंग्लैंड से अधिक अमीर थे, हॉलैंड भौगोलिक खोजों और व्यापार-वाणिज्य में बहुत आगे था, फ्रांस की जनसंख्या और उद्योग का स्तर इंग्लैंड की तुलना में तीन गुना बड़ा था फिर भी इंग्लैंड औद्योगिक क्रांति के नेता के रूप में उभरा आप यह सोच रहे होंगे की आखिर इंग्लैंड में ही क्यों शुरू हुई यह क्रांति उस दौर में बहुत से देश थे पर इंग्लैंड को ही क्यों इंडस्ट्रियल रेवोलुशन के लिए जाना जाता है? चलिए जानते है इसके मुख्य कारण :
     
    प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources)
     
    Coal Mining - Image Credits - Danita Delimont / Getty Images
     
    इंग्लैंड में कोयले और लोह अयस्क यानी ओर्स (Ores) की भरमार थी। भाप इंजन और भट्टियों को ईंधन देने के लिए कोयला बहुत की जरुरी तत्व साबित हुआ। साथ ही मशीनों, इमारतों और पुलों के लिए लौह अयस्क की ज़रूरत को भी इंग्लैंड ने पूरा कर दिया था।
     
    आर्थिक माहौल (Economic Environment)
     
    Image Credits - DEA/G. DAGLI ORTI/Getty Images
     
    इंग्लैंड चारों ओर समुद्र से घिरा हुआ देश है इससे व्यापारिक गतिविधियों में सुविधा प्राप्त हुई अर्थात् वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में आसानी हुई। इंग्लैंड के समृद्ध व्यापार और वाणिज्य (Commerce) ने नए उद्योगों और बुनियादी ढांचे में निवेश का समर्थन करने के लिए पूंजीपतियों के लिए आवश्यक पूंजी उत्पन्न की, इसके अलावा आर्थिक विकास को एक सुरक्षित राजनीतिक माहौल और एक मजबूत बैंकिंग प्रणाली बनाने में इंग्लैंड कामयाब रहा। व्यापारिक बैंको (Commercial Banks) ने भी पूंजी उपलब्ध कराने में मदद की थी। जहां अन्य यूरोपीय देशों में पूंजीपति वर्ग ने अपनी पूंजी को ज़मीन खरीदने, भवन निर्माण, अपने शानों-शौकत और फिजूलखर्ची में खर्च किया तो वहीं इंग्लैंड के पूंजीपतियों ने अपने पूंजी का प्रयोग उद्योगों में निवेश के रूप में किया।

    कृषि क्रांति (Agricultural Revolution)
     
    Agriculture and Farm Innovations - Image Credits - Internet
     
    कृषि क्रांति से कृषि व्यवस्था में परिवर्तन आया। नए कृषि तकनीक लागू की गई जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई। लोगों की आर्थिक स्थिति बदल गई, जिससे उनकी मांगों को पूरा करने के लिए उद्योग-धंधों की स्थापना हुई। इंग्लैंड में जनसंख्या वृद्धि के कारण वस्तुओं की मांग बढ़ी जिससे कीमतों में भी उछाल आया जिससे उत्पादन में और वृद्धि की गयी। कृषि-क्रान्ति का एक परिणाम यह भी हुआ कि खेती में लगे किसान बेकार हो गए। वे जीविका की खोज में शहर चले गए, इससे कारखाना और फैक्टरियों में मैनपावर की जरुरत पूरी हुई जिसके फलस्वरूप नयी फैक्टरियां को निर्माण किया गया। इन सभी कारकों से औद्योगीकरण को बढ़ोतरी मिली।
     
     कच्चे माल की उपलब्धता (Availability Of Raw Materials)
     
    A Vintage Market View - Image Credits - Internet
     
    18वीं शताब्दी के मध्य तक इंग्लैंड ने अपने औपनिवेशिक साम्राज्य (Colonial Empire) का विस्तार पूर्वी कनाडा, उत्तरी अमेरिका, फ्लोरिडा, भारत, पश्चिमी द्वीप समूह, पश्चिम अफ्रीका और जिब्राल्टर तक कर लिया था। इन स्थानों से इंग्लैंड को पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल मिल जाता था साथ ही निर्मित वस्तुओं की खपत के लिए बाजार भी मिल जाता थाकच्चे माल की प्राप्ति एवं तैयार माल की बिक्री के लिये उपनिवेश एक अच्छा बाजार साबित हुआ। विस्तृत बाजार ने पूंजीपतियों को उद्योगों में पूंजी निवेश के लिये प्रोत्साहित किया जिससे औद्योगिक क्रांति की संभावनाओं को बल मिला।
     
    यह कुछ मुख्य कारण थे जिनसे इंडस्ट्रियल रेवोलुशन को आगे बढ़ने की वजह और बल मिला।
     

    नई खोज और तकनीकी प्रगति

    औद्योगिक क्रांति के दौर में कई आविष्कार, नयी खोजे और तकनीकी परिवर्तन हुए। इसने कई देशों में औद्योगीकरण को बढ़ावा दिया। अब लोग बड़े पैमाने पर उत्पादन तेजी से कर सकते थे, जिससे सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता था और कम खर्चीला होता था। चलिए जानते है कौन कौन सी नयी खोजे और क्या तकनीकी परिवर्तन हुए इंडस्ट्रियल रेवलूशन के दौरान हुए।
     
    स्पिनिंग जेनी (Spinning Jenny)
     
    Spinning Jenny Machine - Image Credits - © Photos.com/Getty Images
     
    इंग्लैंड में अन्य यूरोपीय देशों की अपेक्षा वैज्ञानिक वातावरण एवं वैज्ञानिक विचारों का प्रभाव सर्वप्रथम पड़ा। जहां कपड़ा बुनने के लिये फ्लाइंग शटल (Flying Shuttle) तीव्र गति से सूत काटने के लिये स्पिनिंग जेनी (Spinning Jenny) का अविष्कार हुआ स्पिनिंग जेनी' ऊन या कपास कातने के लिए एक इंजन था जिसका आविष्कार 1764 में जेम्स हरग्रेव्स (James Hargreaves) ने किया था, तथा उन्होंने 1770 में इसका पेटेंट कराया 
     
    फ्लाइंग शटल (Flying Shuttle)
     
    Flying Shuttle Machine - Image Credits - Pinterest

    फ्लाइंग शटल (Flying Shuttle) स्पिनिंग जेनी (Spinning Jenny) और पावर लूम (Power Loom) जैसी मशीनों के आने से कपड़ा बुनना और सूत कातना बहुत आसान और तेज हो गया, साथ ही साथ इसमें मानव श्रम की भी कम आवश्यकता पड़ी। अकुशल श्रमिकों द्वारा संचालित होने में सक्षम, यह बुनाई के औद्योगीकरण में एक महत्वपूर्ण विकास था, क्योंकि यह एक समय में कई स्पिंडल घुमा सकता था, एक समय में आठ से शुरू होता था और टेक्नोलॉजी में सुधार होने के साथ अस्सी तक बढ़ गया।
     
    पावर लूम (Power Loom)
     
    Power Loom Machine - Image Credits - Hulton Archive/Stringer/Getty Images
     
    कपड़े की बुनाई अब कपड़ा श्रमिकों के घरों में केंद्रित नहीं थी, यह 'कुटीर उद्योग' (Cottage Industry) से औद्योगिक निर्माण की ओर बढ़ गई थी साथ ही कपड़ा उद्योग ने अन्य उद्योगों, जैसे डाइंग, ब्लीचिंग और प्रिंटिंग को प्रोत्साहित किया। उत्पादन के कुशल और मशीनीकृत साधन अब देश और विदेश दोनों जगह कपड़े की बढ़ती मांग को पूरा कर सकते थे
     
    स्पिनिंग म्यूल (Spinning Mule)
     
    Crompton Spinning Mule Machine - Image Credits - Internet
     
    स्पिनिंग म्यूल मशीन का आविष्कार सैमुअल क्रॉम्पटन (Samuel Crompton) ने 1779 में किया था। इस मशीन की मदद से सूती धागा और धागा बनाना आसान हो गया। स्पिनिंग म्यूल की मदद से एक व्यक्ति एक ही समय में 1,000 से ज़्यादा स्पिंडल पर काम कर सकता था।

    सिलाई मशीन (Sewing Machine)
     
    A Woman Using A Singer Model 66 Sewing Machine / Photo By Hulton Archive/Getty Images
     
    1830 में, एक फ्रांसीसी दर्जी, बार्थेलेमी थिमोनियर (Barthélemy Thimonier) ने एक अधिक व्यावहारिक सिलाई मशीन का आविष्कार किया। सिलाई मशीन औद्योगिक क्रांति के सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक है। सिलाई मशीनें एक बड़ी सफलता थीं, और उनका कपड़ा उद्योग पर गहरा प्रभाव पड़ा। सिलाई मशीन ने कपड़ों का उत्पादन बहुत तेज़ी से और अधिक कुशलता से करना संभव बनाया, जिससे कपड़ों की कीमत में कमी आई। सिलाई मशीनों ने अधिक जटिल और फैशनेबल कपड़े बनाना भी संभव बनाया, जिससे लोगों के कपड़े पहनने के तरीके में बदलाव आया। 
     
    कॉटन जिन मशीन (Cotton Gin Machine)
     
    Enslaved People Operating A Cotton Gin/Drawing By William L. Sheppard - Image Credits - Encyclopedia Britannica, Inc
     
    कॉटन जिन मशीन का आविष्कार एली व्हिटनी (Eli Whitney Jr) ने 1793 में कियाकॉटन जिन मशीन के कई फायदे थे। सबसे पहले, इसने कपास के रेशों को बीजों से अलग करने में लगने वाले समय और श्रम को कम किया, जिससे कपास किसानों की उत्पादकता और फायदे में वृद्धि हुई। बढ़ी हुई दक्षता के कारण कपास को बड़ी मात्रा में प्रोसेस करना संभव हो सका, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे कपास की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सका। किसान अब कपास की बढ़ती मांग को अधिक प्रभावी ढंग से पूरा कर सकते थे , जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई और किसानों को अधिक लाभ हुआ। इसके अतिरिक्त, कपास की मशीन की दक्षता ने कपास उत्पादन की लागत को कम कर दिया, जिससे यह उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती वस्तु बन गई।


    न्यूकोमेन स्टीम इंजन (Newcomen Steam Engine)
     
    Newcomen Steam Engine - Image Credits - Internet
     
    1712 में पहला भाप इंजन थॉमस न्यूकमेन द्वारा बनाया गया, जिसे वायुमंडलीय इंजन कहा जाता था। इसका उपयोग मुख्य रूप से कोयला खदानों से पानी निकालने के लिए किया जाता था, जिससे खनिकों को गहरी खुदाई करने में मदद मिलती थी। 
     
    जेम्स वाट स्टीम इंजन (James Watt Steam Engine)
     
    James Watt Steam Engine - Image Credits - Internet
     
    स्कॉटिश इंजीनियर जेम्स वाट ने 1763 में पहला वास्तविक भाप इंजन का आविष्कार किया था। वाट का इंजन न्यूकॉमन के इंजन से बहुत मिलता-जुलता था, लेकिन वाट का बनाया हुआ इंजन न्यूकॉमन के इंजन से बहुत बेहतर था क्योंकि इसे चलाने के लिए कम ईंधन की आवश्यकता होती थी। इस इंजन ने की वजह से उद्योग में पैसो की बहुत बचत हुई। इस इंजन को 1776 में व्यावसायिक रूप से पेश किया गया और यह भविष्य के विकास का आधार बन गया, जिसके कारण भाप इंजन अनेक ब्रिटिश उद्योगों के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत बन गया।
     
    स्टीम लोकोमोटिव (Steam Locomotive)
     
    Steam Locomotive - Image Credits - Universal History Archive/Getty Images
     
    भाप इंजन के आविष्कार और उसके बाद भाप इंजन के विकास के साथ , माल और लोगों का परिवहन अधिक तेज़, अधिक कुशल और अधिक विश्वसनीय हो गया। रेल नेटवर्क का विस्तार हुआ, जिससे दूर-दराज के क्षेत्र जुड़ गए और कच्चे माल को कारखानों तक और तैयार उत्पादों को बाज़ारों तक पहुँचाना संभव हो गया। इसने कोयला और कपास जैसे कच्चे माल को फैक्ट्रीज  तक पहुँचाकर कपड़ा उद्योग में क्रांति ला दी। भाप इंजन ने शहरीकरण को भी बढ़ावा दिया, क्योंकि रेलवे हब के आसपास शहर विकसित हुए। इसके अतिरिक्त, भाप से चलने वाले परिवहन की बढ़ी हुई गति और क्षमता ने व्यापार और वाणिज्य के विकास को गति दी, जिससे औद्योगिक क्रांति के दौरान आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिला।
     
    टेलीग्राफ (Telegraph)
     
    Woman Sending Morse Code Using Telegraph - Image Credits - Internet
     
    टेलीग्राफ का विकास 1830 और 1840 के दशक में सैमुअल मोर्स (Samuel Morse) ने अन्य आविष्कारकों के साथ मिलकर किया था। उन्होंने ने पाया की स्टेशनों के नेटवर्क से जुड़े तारों पर विद्युत संकेतों को प्रेषित करके, नया टेलीग्राफ लंबी दूरी पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर संदेश भेज सकता हैसैमुअल मोर्स (Samuel Morse) ने टेलीग्राफ लाइनों के पार संदेशों के आसान प्रसारण के लिए मोर्स कोड को बनया इसका प्रयोग आज भी किया जाता है। अमेरिका में प्रारंभिक टेलीग्राफ सेवा 1844 में बाल्टीमोर (Baltimore) और वाशिंगटन डीसी (Washington DC) के बीच टेलीग्राफ तारों के कनेक्शन के साथ स्थापित की गई थी।
     
     टेलीफोन (Telephone)
     
    Alexander Graham Bell & New York City – Chicago Telephone Link - Image Credits - © Photos.com/Getty Images
     
    औद्योगिक क्रांति के अंतिम दौर का एक महत्वपूर्ण आविष्कार टेलीफोन था, जिसका आविष्कार 1876 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) ने किया था। टेलीफोन ने दुनिया के दूर दराज़ के शहरों और देशो में संपर्क साधने में बहुत कारगर साबित हुआ जिससे उद्योग बढ़ा और अद्योगीकरण को बढ़ावा मिला
     
    टाइप राइटर (Typewriter)
     
    Christopher Sholes, Inventor Of The Typewriter - Image Credits - Internet
     
    1867 में, क्रिस्टोफर लैथम शोल्स (Christopher Latham Sholes) द्वारा पहले आधुनिक टाइपराइटर का आविष्कार किया गया। 1800 के दशक के अंत में टाइपराइटर उपलब्ध होने पर कागज पर संचार की आसानी और गति में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई। लेखन को तेज़ बनाने और लिखित कार्य की छपाई और बड़े पैमाने पर उत्पादन को आसान बनाने और छोटे व्यवसाय और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपलब्ध कराने के लिए टाइपराइटर का बड़ा योगदान रहा। 
     
     फोटोग्राफी (Photography)
     
    "View From The Window At Le Gras, The World’s First & Oldest Photo Taken In 1826 By 
    Joseph Nicéphore Niépce - Image Credits- Internet
     
    1826 में, फ्रांसीसी आविष्कारक जोसेफ नाइसफोर नीप्स ( Joseph Nicephore Nièps) ने कैमरे की छवि से पहली स्थायी तस्वीर बनाई। जैसे-जैसे औद्योगिक क्रांति के आगमन के साथ-साथ फोटोग्राफी का विकास हुआ, इस उपकरण का उपयोग अब दस्तावेज़ बनाने, जश्न मनाने और साथ ही श्रम की दुनिया की वास्तविकताओं को दिखने के लिए किया जाने लगा।

    यह थे कुछ महान आविष्कार जिसने इंडस्ट्रियल रेवोलुशन को आगे बढ़ने में मदद की और देखते ही देखते दुनिया को बदल के रख दिया।


    इस भाग में आपने जाना की कैसे इंडस्ट्रियल रेवोलुशन का जन्म हुआ और कौन से मुख्य कारण थे जिनसे इंडस्ट्रियल रेवोलुशन इतनी तेज़ी से फ़ैल गया? साथ ही इंडस्ट्रियल रेवोलुशन के दौरान हुए नई खोजें और तकनीकी प्रगति के बारे में अपने जाना पर रुकिए कहानी यही खत्म नहीं हुई है। क्या आप जानते है की किस तरह इंडस्ट्रियल रेवोलुशन ने समाज पर क्या प्रभाव डाला, इंडस्ट्रियल रेवोलुशन से फायदे और नुकसान हुए, कैसे इंडस्ट्रियल रेवोलुशन ने दुनिया की सूरत बदल दी?
     
    जानने के लिए नीचे दिए गए Link पर Click कीजिये और पढ़िए 
     


     

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