परिवर्तन या यूँ कहिये बदलाव पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर मानव के संरचना तक हर एक में इस प्रक्रिया ने अपना योगदान दिया है। पृथ्वी में हुए बदलाव ने जीवन को पनपने लिए परिवेश बनाया और इंसानो में हुए बदलाव ने उनको सोचने समझने की शक्ति दी। पत्थर के औजार से लेकर चाँद तक जाने में इंसान अभी तक कामयाब रहा है। हमारे पूर्वजों को आज का दौर चमत्कार लगता होगा और आने वाला भविष्य हमारे लिए किसी तरह के चमत्कार से कम नहीं होगा। मानव इतिहास के बारे में अभी तक लगभग लगभग हर तरह की जानकारी हमारे पास है। पर सवाल ये की क्या कभी आपने भविष्य के बारे में सोचा है की आज के समय से लेकर आने वाले 1000 सालों में कितना कुछ बदल जाएगा? फिल्मो और कहानियों में आपने इंसानो के विकसित भविष्य की झलक यक़ीनन देखी होगी और इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की आधुनिकता का विकास कितनी तेज़ी से हो रहा है और आने वाला भविष्य आज के दौर से बेहद आधुनिक होगा।
हालाकिं हमने अभी तक वैज्ञानिक आधारों पर इंसानी सभ्यता के दो ऐसे पड़ाव के बारें में आपको बताया है जिसमे इंसानी सभ्यता के विलुप्ति और बचाव की व्याख्या है। आज हमारी चर्चा का विषय यह है की क्या होगा अगर इंसानी सभ्यता इन दोनों पड़ाव को पार कर एक विकसित सभ्यता में तब्दील हो जायेगी, कैसे मानव पृथ्वी से बाहर सुदूर ब्रह्मांड में जीने के रस्ते ढूंढ लेगा और पृथ्वी जैसे किसी ग्रह की खोज कर मानव जा बसेगा। किस तरह से टेक्नोलॉजी मानव को एक उन्नत्त सभ्यता बनने में मददगार होगी ? कैसा होगा भविष्य का मानव ? विकसित इंसानी सभ्यता बनने के लिए हमें और कितनी दूर तक जाना है? सवालों के पिटारे में बहुत से सवाल है जिनका जवाब देने की कोशिश आज हम करेंगे।
चलिए आज जानते है इंसानी सभ्यता के तीसरे और अंतिम पड़ाव विकसित इंसानी सभ्यता के बारे में
क्या होगा इंसानी सभ्यता का भविष्य ?- पार्ट-3 - What Will Be The Future Of Human Civilization?- Part-3
नवंबर 06, 2024
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जब से इंसानी सभ्यता अस्तित्व में आयी है तब से मानव शरीर में कई बदलाव हुए हर बदलाव ने इंसानो को और बेहतर बनाया है। बेहतर रूप, शरीरिक संरचना, सोचने-समझने की सकती, बल-बुद्धि और हर किसी में इस बदलाव के अंश मिलते है। बदलाओ ने इंसान को आज के दौर में ला कर खड़ा कर दिया और शोधकर्ताओं की बात माने तो आने वाले भविष्य में और भी शरीरिक बदलाव होने की आशंका है। शोधकर्ताओं के अनुसार हाई टेक भविष्य में इंसानो में आँखों पलकों के दूसरे सेट विकसित हो जाएंगे, हमारे हाथ पंजो में बदल जाएंगे, दांत छोटे हो जाएंगे, पैर बड़े हो जाएंगे और शायद ऐसा भी हो सकता है की हम पूरी तरह एक नई प्रजाति में तब्दील हो जाए। इंसानी मस्तिष्क में भी बदलाव आएंगे इनका आकार या तो बढ़ सकता है या तो घट सकता है।
टेक्नोलॉजी की मदद से इंसान अपनी रूप रेखा को बदल सकेंगे। चिकित्सा के छेत्र में आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से बनी दवाईयाँ प्राणघाती रोगों को जड़ से मिटाने में सक्षम होंगी, इंसानो की उम्र बढ़ जाएंगी और वह लम्बे समय तक जीवित रह सकेंगे। आधुनिक उपकरणों और दवाईयाँ से रिवर्स एजिंग (Reverse Aging) बहुत तेज़ी से होगी, जिससे बुढ़ापे की रफ़्तार धीमी हो जायेगी। डीएनए (DNA) में किये गए बदलाव से इंसान अपने पूरी तरह से बेकार हुए अंगों को फिर से बना पाएंगे। CRISPR टेक्नोलॉजी से जीन के सटीक संपादन को किया जाएगा, जिससे संभावित रूप से आनुवंशिक विकारों का इलाज किया जा सकेगा। जटिल से जटिल ऑपरेशन रोबोटिक्स सर्जन द्वारा किया जाएगा। वैश्विक टेलीमेडिसिन प्लेटफ़ॉर्म से मरीजों को कहीं से भी विश्व स्तरीय पर देखभाल की सुविधा मिलेगी। VR (Virtual Reality) और AR (Augumented Reality) आप्लिकेशन्स का उपयोग गहन चिकित्सा प्रशिक्षण, रोगी पुनर्वास (Patient Rehabilitation) और पैन मैनेजमेंट (Pain Management) के लिए किया जाएगा।
हमारी विकसित इंसानी सभ्यता के पास एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पे आधरित यातायात के साधन होंगे। उदाहरण के तौर पे
1. पोड टैक्सी (Pod Taxi) जो इलेक्ट्रिक कार जैसे टैक्सी सर्विसेज होगी और जो बिना ड्राइवर के चलेगी, एक पॉड टैक्सी में तकरीबन 8 यात्री बैठ सकते हैं और 13 लोग खड़े होकर यात्रा कर सकते है। इसकी खासियत तेज़ रफ़्तार और कम प्रदूषण होगी।
2. फ्लाइंग टैक्सी (Flying Taxi) जो बिना रन वे के उड़ेंगी इसकी रफ्तार 600 मील प्रति घंटे की होगी जो कारों से दस गुना ज्यादा होगी। विमानों की तुलना में कम शोर और कम प्रदूषण करते हवाई सफर के पूरे सिस्टम को बदल देगी।
3. स्वचालित कारें (Driverless Car) जो सेंसर की मदद से चलेगी और रुकेगी, स्पीड भी बहतरीन और दुर्घटनाओं से बचने में कारगर साबित होगी।
4. आज की ट्रैन की जगह मेग्लेव ट्रैन (Meglev Train) ले लेगी जो पटरी से कुछ इंच हवा में ही रहेंगी । यह ट्रेने मैग्नेटिक लेविटेशन पर चलेगी मैग्नेटिक फील्ड की मदद से इसको नियंत्रित किया जाएगा और इसकी रफ्तार 500 से 600 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा होगी। कुछ देश जैसे चीन, दक्षिण कोरिया,जापान मैग्लेव ट्रेन इस्तेमाल करने वाले दुनिया के शुरुआती देश हैं।
5. सामानो की डिलीवरी ड्रोन द्वारा की जायेगी। घर-घर दवाएं पहुंचाने से लेकर घरेलू सामानों की डिलिवरी तक होगी, तेज़ और सटीक डिलीवरी की सुविधा मिलेगी।
6. बेहद एडवांस्ड ट्रैन जैसे हाईपरलूप ट्रेने (Hyperloop Trains) अस्तित्व में आ जाएंगी। जिसकी रफ्तार बेहद तेज़ अनुमानित 1200 से 1300 किलोमीटर होगी यह ट्रैन एक प्रकार के ट्यूब के अंदर चलेगी। परिवहन के मामले में आने वाला भविष्य बहुत उन्नत और बेहतरीन होगा जो चीज़ें आ के समय में मात्र सोच भर है भविष्य यह सब सच होने की संभावना के आसार बहुत ज्यादा है।
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हम सब यह बात जानते है की अगर किसी चीज़ की शुरुवात होती है तो उसका अंत भी निश्चित ही होगा। जिस तरह से प्रकृति का शोषण हो रहा है आने वाले भविष्य में हमारे कुदरती भण्डार ख़त्म हो जाएंगे और पृथ्वी रहने लायक जगह नहीं रह पाएगी। कार्दाशेव स्केल (Kardashev Scale) के मुताबिक इस वक़्त हम टाइप 0.7 सभ्यता है पर आने वाले भविष्य में सभ्यता का स्तर बदलता जाएगा और बदलते स्तर में इंसान और आधुनिक होता जाएगा पृथ्वी के सारे ऊर्जा श्रोत्त खत्म होते जाएंगे इंसानो को अपना अस्तित्व बचाने के लिए ब्रह्मांड के दूसरे ग्रहों जहां पर इंसानी सभ्यता पनप सके उनकी तलाश करनी होगी। ग्रहों की खोज अभी से कई स्पेस एजेंसीज कर रही है।
हालाकिं तब तक टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा एडवांस्ड हो गयी होगी की इंसान ऐसे स्पेसशिप (Space Ship/Space Craft) बना चुके होंगे जिस पर पूरी मानव सभ्यता रह रही होगी। इंटरस्टेलर यात्रा (Interstellar Travel) संभव हो जायेगी जिससे हमें ब्रह्मांड के एक कोने से दूसरे कोने में जा सकेंगे। समय की परिभाषा बदल जायेगी और दुरी को चुटकियों में तय कर लिया जाएगा। ग्रहों की खोज कर टेररफोर्मिंग (Terraforming) द्वारा पृथ्वी के जैसा ग्रह बनाया जा सकेगा और इंसानी सभ्यता जीवन की शुरुवात कर सकेगी।
इस सीरीज के अंत में हम आपसे कहना चाहेंगे की जितनी भी जानकारी हमने आपको दी है वह गेहेन शोध और वैज्ञानिकों के द्वारा दिए गए अनुमान और शोधकर्ताओं के विचारों पर दी गयी है। पृथ्वी का अंत इतनी जल्दी नहीं होगा और न ही इंसानी सभ्यता का, पर हम सभी पृथ्वी वासियों को इस बात पर जरूर विचार करना चाहिए की पृथ्वी और हमारा जीवन हमारे ही हाथ में है। पृथ्वी के हो रहे शोषण पर हमें सख्त नियम कानून बनने चाहिए ताकि हम अपने इस घर को सदियों तक बचा सके, आज की सभ्यता से लेकर उन्नत सभ्यता तक पृथ्वी को ही अपना घर बनाये रहे।
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