नीला रंग और 70% पानी से ढाका यह ग्रह अंतरिक्ष से देखा जाए तो हमारी पृथ्वी कुछ ऐसी ही दिखती है और इसका कारण है हमारी पृथ्वी पर मौजूद महासागर। हमारे शौर्य मंडल में सिर्फ इसी अनोखे ग्रह पर पानी तरल रूप में मौजूद है। पृथ्वी पर जीवन की शुरुवात इन्ही महासागरों से हुई। पृथ्वी पर लगभग 97% पानी इन्ही महासागरों में मौजूद है। महासागर इतनी दूर तक फैले हुए है की इसकी शुरुवात और अंत का अंदाजा लगाना बड़ा ही मुश्किल है। यह बात जानकर आपको हैरानी होगी की हम इंसानो ने महासागर को अभी तक सिर्फ 5% ही एक्स्प्लोर किया है अभी इसके कई अनगिनत रहस्यों को खुलासा होना बाकी है। आपने कभी यह सोचा है की यह महासागर पृथ्वी पर क्यों है और कहाँ से आये है? पृथ्वी पर आखिर इनकी क्या जरुरत है? क्या फायदे है हमें इन महासागरों से? इन सारे सवालों के जवाबों को आज आप जानेंगे आज के लेख
विश्व के महासागर में।
कैसे बने महासागर | How Were The Oceans Formed?
पृथ्वी के विशाल महासागरों का निर्माण एक दिलचस्प कहानी है जो अरबों साल पहले शुरू हुई थी। जब पृथ्वी का जन्म हुआ तो वह आग का एक गोला थी. लाखों साल में वह ठंडी हुई। पृथ्वी के शुरुवाती दौर में पानी तरल नहीं बल्कि गैस के रूप में था जब पृथ्वी 212 फेरनहाइट के नीचे ठंडी हुई तो उसके लगभग 3.8 बिलियन साल पहले जो पानी गैस के रूप में था वह धीरे धीरे तरल में बदल गया और उसने बारिश का रूप ले लिया। यह बारिश कई सालों तक बरसती रही और इस लगातार होती बारिश ने पृथ्वी के बेसिन और बड़े बड़े गड्डों जो अंतरिक्ष से आये उल्कापिंड, ज्वालामुखी के फटने और भूकंप के कारण बने थे उन सभी को भर दिया जो आज हमें महासागरों के रूप में दिखते है।
पांच महासागर | The Five Oceans
प्रशांत महासागर | Pacific Ocean
168,723,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है यह महासागर और पृथ्वी की सबसे अधिक गहराई का रिकॉर्ड रखने वाली मारियाना ट्रेंच इसी महासागर में मौजूद है, पृथ्वी की लगभग 46% जल सतह को घेरने वाला यह महासागर बहुत विशाल है इस महासागर को हम प्रशांत महासागर के नाम से जानते है। आपको यह बात जान कर हैरानी होगी की प्रशांत महासागर इतना बड़ा है की अगर हम पृथ्वी के भूभाग को एक साथ रख दे तो भी प्रशांत महासागर इनसे बड़ा ही रहेगा। पश्चिम में एशिया और ऑस्ट्रेलिया, पूर्व में अमेरिका, उत्तर में आर्कटिक महासागर और दक्षिण में दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। इस महासागर की औसत गहराई लगभग 4,280 मीटर है। पृथ्वी पर इस विशाल महासागर में यह समुद्री जीवन की विविधता का घर है, जिसमें कोरल रीफ्स, मछलियाँ, स्तनधारी और कई अन्य प्रजातियाँ शामिल हैं। प्रशांत महासागर की मुख्य धाराएं है उत्तरी प्रशांत गाइर(North Pacific Gyre), दक्षिणी प्रशांत गाइर (North Pacific Gyre), कुरोशियो धारा (Kuroshio Current), कैलिफोर्निया धारा (California Current), हम्बोल्ट धारा (Humboldt Current) और भूमध्यरेखीय धाराएं (Equatorial Currents).
अटलांटिक महासागर | Atlantic Ocean
पृथ्वी की संपूर्ण सतह के 20% हिस्से को कवर करने वाला अटलांटिक महासागर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महासागर है। यह पृथ्वी की संपूर्ण जल सतह का 29% भाग कवर करता है और यह प्रशांत महासागर के बाद दूसरे स्थान पर है। इसका क्षेत्रफल 821 लाख वर्ग किलोमीटर है। इस महासागर की चौड़ाई विषुवत रेखा (Equator) पर कम होती है। अटलांटिक महासागर पूर्व में यूरोप और अफ्रीका तथा पश्चिम में अमेरिका के बीच घुमावदार यानी एस-आकार में फैला हुआ है। यह उत्तर में आर्कटिक महासागर, दक्षिण-पश्चिम में प्रशांत महासागर, दक्षिण-पूर्व में हिंद महासागर और दक्षिण में दक्षिणी महासागर से जुड़ा हुआ है। इसकी औसत गहराई (Ocean Depth) 3,646 मीटर है। इसकी अधिकतम गहराई (Deepest Point) 8,376 मीटर है जो Puerto Rico Trench (Milwaukee Deep) में स्थित है। गल्फ स्ट्रीम, उत्तरी अटलांटिक ड्रिफ्ट, कैनरी धारा, ब्राज़ील धारा, बेंगुएला धारा और दक्षिण भूमध्यरेखीय धारा अटलांटिक महासागर की मुख्य धारायें है। कई समुंद्री प्रजातियों के लिए एक बेहतरीन प्रजनन स्थल है। मछली, व्हेल, डॉल्फ़िन सहित विविध समुद्री जीवों के पनप के लिए अनुकूल घर है। आर्थिक रूप से यह महासागर अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग रुट्स की तरह काम करता है।
हिंद महासागर | Indian Ocean
तीसरे नंबर पर है हमारा हिंद महासागर जो वैश्विक समुद्री क्षेत्र का 20 प्रतिशत हिस्सा घेरता है और आकार में अटलांटिक के काफी समान है। हिंद महासागर का एरिया 70,560,000 वर्ग किलोमीटर है। यह पूर्व में ऑस्ट्रेलिया, पश्चिम में अफ्रीका और उत्तर में एशिया से घिरा हुआ है। हिन्द महासागर की औसतन गहराई लगभग 3,741 मीटर है और हिन्द महासागर का दीपेस्ट पॉइंट Java Trench (Sunda Trench) है जो 7,258 मीटर पर स्तिथ है। इसमें मेडागास्कर, मालदीव, सेशेल्स, श्रीलंका और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जैसे द्वीप और द्वीपसमूह शामिल हैं। भारतीय मानसून धारा, अगुलहास धारा, सोमाली धारा और दक्षिण विषुवतीय धारा हिन्द महासागर की मुख्य धारायें है। समुद्री जैव विविधता का यहां भंडार है कोरल रीफ्स, मछली प्रजातियाँ, समुद्री स्तनधारी, अनोखे इकोसिस्टम से परिपूर्ण है। हिंद महासागर अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और साउथ ईस्ट एशिया के देशों के साथ भारत के व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में कार्य करता है।
अंटार्कटिक महासागर | Antarctic Ocean
अंटार्कटिक महासागर जो दक्षिणी महासागर के नाम से भी जाना जाता है, जिसने अंटार्कटिका के सबसे दक्षिणी महाद्वीप को घेरा हुआ है। अपने ठन्डे और बर्फीले परिदृश्य के लिए भी जाना जाता है। पृथ्वी के जलवायु और समुंद्री धाराओं को रूप देने में यह महासागर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंटार्कटिक महासागर का एरिया 21,960,000 वर्ग किलोमीटर है। अपने ठंडे और कठोर वातावरण के बावजूद भी यहाँ समुंद्री जैव विविधताओं की भरमार है। इस महासागर की गहराई लगभग 3,000 से 4,000 मीटर है। दक्षिणी महासागर का सबसे दीपेस्ट पॉइंट दक्षिण सैंडविच ट्रेंच के भीतर, 7432 मीटर पर है। दक्षिणी महासागर में मुख्य धारा अंटार्कटिक सर्कम्पोलर करंट (ACC) है, जो अंटार्कटिका के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। एसीसी दुनिया की सबसे बड़ी धारा है और प्रति सेकंड 150 अरब लीटर पानी का परिवहन कर सकती है और साँकरें चैनलों में 1 मीटर प्रति सेकंड तक की गति तक पहुंच सकती है। यह दुनिया की सभी नदियों में मौजूद पानी के 150 गुना के बराबर है।
आर्कटिक महासागर | Arctic Ocean
पोलर बीयर्स और सिल्स का घर आर्कटिक महासागर, दुनिया के महासागरों में सबसे छोटा है और लगभग उत्तरी ध्रुव (North Pole) पर केंद्रित है। 14 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला इस महासागर का अधिकांश भाग पूरे वर्ष बर्फ से ढका रहता है, हालाँकि तापमान बढ़ने के साथ-साथ इसमें बदलाव भी शुरू हो रहा है। सतह पर पीला और साफ़ आर्कटिक महासागर जीवन की एक आश्चर्यजनक श्रृंखला का घर है।आर्कटिक महासागर मोटे तौर पर वृत्ताकार (Circular) बेसिन में फैला है। इसका समुद्र तट 45,390 किमी लंबा है। आर्कटिक महासागर की सीमा वाले देश रूस, नॉर्वे, आइसलैंड, ग्रीनलैंड (डेनमार्क राज्य का क्षेत्र), कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं।आर्कटिक महासागर की औसतन गहराई 12000 मीटर है और इसका डीपेस्ट पॉइन्ट फ्रैम स्ट्रेट (Fram Strait) में मोलॉय होल (Molloy Hole) है, जो लगभग 5,550 मीटर है। आर्कटिक महासागर की मुख्य धारयें ट्रांसपोलर ड्रिफ्ट, बेउफोर्ट गिरे, ईस्ट ग्रीनलैंड धारायें है।
महासागर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? | Importance Of Oceans
हमें जीवित रहने के लिए इसकी पानी की आवश्यकता है, और महासागर इसके सबसे बड़े उत्पादक हैं।
महासागर लगभग 3,00,000 से अधिक प्रजातियों का घर है। महासागर इतने विशाल और विविध हैं कि वे अत्यंत समृद्ध जैव विविधता को संभाले हुए है और कई प्रजातियाँ ऐसी भी जो अभी भी अज्ञात हैं। महासागर ऑक्सीजन की फैक्ट्री के रूप में काम करता है। हम जितनी ऑक्सीजन सांस के रूप में लेते हैं, उसका आधे से ज़्यादा हिस्सा महासागरों में बनता है। कई समुद्री सूक्ष्मजीव और पौधे, जैसे कि फाइटोप्लांकटन (Phytoplankton) इस ऑक्सीजन फैक्ट्री को बनाने में ज़िम्मेदार है। फाइटोप्लांकटन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित (Absorb) करता है और ऑक्सीजन छोड़ता है। यह पृथ्वी के सबसे सूक्ष्मजीव जीव है जो हमारे लिए प्राणवायु बनाते है।
कैंसर सहित अनेक बीमारियों का इलाज समुद्री जीवन में पाया जा सकता है। शोधकर्ता कई वर्षों से समुद्री जीवों की कैंसर से लड़ने की क्षमताओं का अध्ययन कर रहे हैं। अधिकांश प्रजातियों को नई दवाओं के विकास के लिए महान संसाधनों के रूप में खोजा गया है क्योंकि उनमें जटिल अणु होते हैं जो बैक्टीरिया, कवक और वायरस जैसे विभिन्न रोग पैदा करने वाले जीवों से लड़ सकते हैं।
पृथ्वी के महासागर जल का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, जो पृथ्वी की जलवायु को नियंत्रित करता है। कार्बन सिंक के रूप में, वे प्रति वर्ष लगभग 30 मिलियन टन कार्बन को अवशोषित करके वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों की संख्या को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। महासागर वायुमंडल से गर्मी और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके, मौसम के पैटर्न को नियंत्रित करके और तापमान में अचानक उतार-चढ़ाव को रोककर हमारी जलवायु को नियंत्रित और बनाए रखते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में समुद्री परिवहन का दायरा बहुत बड़ा है। वर्तमान में 90% वैश्विक व्यापार समुद्री मार्गों का उपयोग करके किया जाता है। भारी वस्तुओं के लिए समुद्री परिवहन अविश्वसनीय रूप से बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
महासागर दुनिया के सबसे बड़े खाद्य स्रोतों में से एक है। वास्तव में, अनुमानतः 3 अरब लोग ऐसे हैं जो प्रोटीन के प्राथमिक स्रोत के रूप में समुद्र पर निर्भर हैं। स्वस्थ महासागर के बिना, इन लोगों के भूखे रहने का खतरा है। इसके अलावा, समुद्र में दुनिया की कुछ सबसे महंगी मछलियाँ और समुद्री भोजन (टूना, स्कैलप्स, लॉबस्टर, आदि) पाए जाते हैं। संपूर्ण समुदाय इन मत्स्य पालन पर आधारित हैं।
महासागर यह हमारी अर्थव्यवस्था और समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और पृथ्वी की जैव विविधता के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए एक घर प्रदान करता है, एक स्वस्थ, अच्छी तरह से कार्यशील वैश्विक पर्यावरण की संरचना करता है। महासागर पोषण, परिवहन, चिकित्सा, मनोरंजन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसी सेवाओं की आपूर्ति के साथ-साथ आजीविका यानी नौकरियों भी प्रदान करता है।
आज के लेख में आपने जाना महासागर की रचना कैसे हुई, विश्व में कितने महासागर है और महासागर किस तरह से हमारे लिए महत्वपूर्ण है। धरती के महासागर के बारे में आपने जान लिया पर, क्या आप जानते है दुनिया की सबसे बड़ी नदी के बारे में ?
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विश्व की सबसे बड़ी नदी - अमेजॉन नदी