माईकल कब्रिस्तान | The Micheal Cemetery - Chapter - 2

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Chapter - 2 - मृदुला की खोज

मृदुला के फोटो के नीचे लैंडलाइन नंबर और उसके दिल्ली के घर का पता दिया था, मैंने सोचा एक बार फ़ोन कर के पूछ लेता हूँ की सच में यह वही मेरी क्लासमेट मृदुला है या कोई और है , मैंने कॉल किया पर नंबर नॉट इन सर्विस था। अगले दिन में उस पते पर पहुँचा पर वहाँ मुझे कोई नहीं मिला, आस पास पूछताछ की तो पता चला की वहाँ जो रहते थे वह यहां से बहुत पहले ही चले गए, सुनने में आया था की उनकी बेटी की मौत हो गयी थी। मुझे इस बात का यकीन हो गया था की मृदुला सच में मर चुकी है। इस बात ने मुझे कई दिनों तक परेशान किया, मैं सच जानने के लिए बेचैन हो रहा था। मैंने अपने एक पुराने दोस्त से बात की और मृदुला के केरल का पता माँगा कुछ दिनों के बाद मुझे उसका केरल का पता मिला। मैंने ऑफिस से एक महीने की छुट्टी ली और सच का पता लगाने के लिए निकल गया। ४ दिन के सफर के बाद मैं मृदुला के घर पहुँचा।



घर पर उसके पिताजी से मिला, मैंने उनसे पूछा "आखिर यह सब कैसे हुआ ?" उन्होंने कहा की मुझे नहीं पता की मृदुला को क्या हुआ था, मैं पिछले 7 सालों से उसका इलाज करवा रहा था पर कुछ फायदा नहीं हुआ और डॉक्टर्स ने सलाह दी की अपनी बेटी को घर ले जाइए या फिर पागलखाने में रख दीजिये मेरी एकलौती बेटी को मैं भला कैसे पागलखाने छोड़ सकता था इसलिए हम उसे घर ले आये। जिस दिन हम उसे घर लेके आये उसी रात को अचानक वह कहीं गयाब हो गयी है। इस बात को 7 साल हो चुके इन 7 सालों में मैंने अपनी बेटी को ढूंढने की कोशिश की पर कुछ भी पता नहीं लगा पाए पुलिस वालों ने मेरी बेटी को मुर्दा डिक्लेअर कर के केस को ही बंद कर दिया और 2 साल पहले हमने भी अंतिम संस्कार की सारी विधियाँ कर के उसकी मौत की खबर को पेपर में छपवा दिया मैंने सोचा की शायद अपनी मौत की खबर जानकर वह वापस आ जाए पर वह नहीं आयी। उनको बीच में रोकते हुए मैंने पूछा की मृदुला को क्या हुआ था जो उसका इतना लम्बा ट्रीटमेंट चला? तभी घर के अंदर के किसी के रोने और चिल्लाने की आवाज़ आयी और खुले बालों में एक औरत दौड़ते हुए मेरी तरफ आने लगी तभी घर की औरतों ने उन्हें पकड़ लिया, वह जोर जोर से चिल्लाने लगी की मेरी बेटी को कैद किया है उसने, मेरी बेटी को बचा लो मेरी बेटी मेरी बेटी बोलते बोलते वह बेहोश हो गयी। मैंने अंकल से पूछा कौन है यह? उन्होंने कहा की "मृदुला की माँ है बेचारी उसके लापता होने का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पायी और इसकी हालत भी पागलो जैसी हो गयी है और इतना कहते ही वह रोने लगे और रोते हुए अपनी करुणाभरी आवाज़ में बोले "बेटी को तो खो चूका अब पत्नी को नहीं खोना चाहता, हम बस इसी उम्मीद पर ज़िंदा है की कभी तो मेरी बेटी वापस आएगी"। मैंने पूछा यह सब शुरू कैसे हुआ? उन्होंने कहा "यह उस रात से शुरू हुआ जिस रात मृदुला और वेदिका हमें माईकल कब्रिस्तान से बेहोशी के हालत में मिली थी"। माईकल कब्रिस्तान का नाम सुनते ही मानो जैसे मेरे आँखों सामने खौफनाक मंज़र आने लगे और उस डर और दहशत भूली याद ने फिर से मेरे दिमाग में उपज ले ली थी। 


मैंने अंकल से पूछा "आप किस दिन की बात कर रहे है" उन्होंने कहा "मृदुला का १२वी का आखिर पेपर था उस दिन की बात है, उसी दिन से मृदुला को दौरे पड़ने लगे और उसका शरीर जकड़ जाता और हड्डियों का ऐसा भयानक ढाँचा बना लेता था की जिसे जिसने भी देख वह खौफज़दा हो जाता था। हर तरह से डॉक्टर को दिखाया पर कोई भी मेरी बेटी का इलाज नहीं कर पाए समय बीतता गया मेरी बेटी की हालत और खराब होती गयी। लापता होने से पहले सिर्फ यही बोलते रहती थी की वह मुझे ले जाएगा मुझे बचा लो मम्मी, पापा प्लीज मुझे बचा लो। मैंने हैरानी से पूछा क्या वेदिका की कोई खबर है आपको? उनका बस यही कहना था हमें नहीं पता बेटा पर जब हम दिल्ली में थे तो एक बार उसकी माँ को हॉस्पिटल में देखा था मेरी बेटी को देखकर वह घबरा गयी और वहाँ से जाते जाते डरते हुए सिर्फ यही बोली की अपनी बेटी को बचाओ नहीं तो वह ले जाएगा हमने कई बार उनसे पूछा की कौन ले जाएगा पर वह ले जाएगा वह ले जाएगा रटते रटते वह वहाँ से चली गयी फिर वहाँ के एक डॉक्टर से हमें पता चला की वेदिका भी उसी हॉस्पिटल में एडमिट थी उसका भी मेरी बेटी जैसा हाल था पर उसके घरवाले उसको वहाँ से लेकर चले गए। फिर हमारी उनसे कभी मुलाक़ात नहीं हुई।



मैं निकला तो था सिर्फ मृदुला की मौत का सच जानने के लिए पर गुथी सुलझने की जगह और उलझते ही जा रही है। मृदुला मरी नहीं बल्कि लापता है, वेदिका की हालत भी मृदुला जैसी हो गयी थी पर हुआ क्या था आखिर दोनों को? वेदिका किस हाल में और कहाँ है और सबसे बड़ा सवाल यह था की उस दिन मैंने वेदिका और मृदुला के साथ साथ क्षितिज को भी आखिर बार देखा था ? क्षितिज कहाँ है जिसके बारे में अंकल ने कुछ नहीं बताया और कौन है "वह" जिसका जिक्र मृदुला ने, उसकी माँ ने और वेदिका की माँ ने किया था आखिर कौन है वह? सवालों के इस उदेड़बून में फंसा मैं निकल गया दिल्ली वेदिका की तलाश में।


कहाँ है वेदिका? क्या है उसके हिस्से का सच? 
जानने के लिए पढ़िए माईकल कब्रिस्तान का अगला भाग 


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