मंगलवार, 11 मार्च 2025

मिस्र की आखिरी फैरोह क्लियोपेट्रा की कहानी | The Story Of Egypt's Last Pharaoh, Cleopatra

मिस्र की आखिरी फैरोह क्लियोपेट्रा की कहानी l The Story Of Egypt's Last Pharaoh, Cleopatra
 
आज हम जानेंगे मिस्र की आखिर फैरोह के बारे में जिसने 21 सालों तक प्राचीन मिस्र पर शासन किया जो हर आपदाओं से मिस्र को बाहर निकाल लायी और एक मजबूत साम्राज्य के रूप में खड़ा किया। मिस्र की रानियों का जिक्र जब भी होता है उसका नाम सबसे ऊपर आता है हुस्न की मलिका और मिस्र की चाणक्य, दांव पेंच में माहिर। जिसने अपने तेज दिमाग और राजनैतिक समझ से मिस्र की गद्दी पर राज़ किया कितने राजा आये और गए पर मिस्र की इस रानी ने गद्दी पर अपनी पकड़ बनाये रखी। एक ऐसी रानी जो बुद्धिमान,योग्य और आकर्षक थी और जिसकी पूजा 300 सालों तक उसकी जनता करती रही। जिसका नाम टोलमी वंश के अंत तक रहा। एक ऐसी औरत जिसको फिल्मो और पेंटिंग में अमर कर दिया गया। जिसको विलियम शेक्सपियर ने अपनी त्रासदियों में से एक में शामिल कियाजिसकी कहानी को इतिहास में कई बार दोहराया गयाजिसकी कहानी प्रेम,धन,ऐश्वर्या और विश्वासघात से भरी हुई। आखिर मिस्र के इतिहास में क्यों इतनी मशहूर है यह रानी? आज हम लेके आये है आपके लिए  मिस्र की आखिरी फैरोह क्लियोपेट्रा की कहानी

 

कौन थी क्लियोपेट्रा ? | Who Was Cleopatra?

Who Was Cleopatra?
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क्लियोपेट्रा का जन्म 69 बी.सी अलेक्जेंड्रिया,मिस्र में हुआ था। टोलमी राजवंश के शासक टोलमी-12 उनके पिता थे जो टोलमी-1 सोतर के वंशज थे। माना जाता है कि क्लियोपेट्रा की माँ राजा की पत्नी (और संभवतः उनकी सौतेली बहन) क्लियोपेट्रा-5 ट्राइफेना थीं यह बात इतिहासकारों ने सम्भावनाओ के आधार पर ऐसा कहा है, क्यों की 69 बी.सी में क्लियोपेट्रा के जन्म के कुछ महीनों बाद क्लियोपेट्रा ट्राइफ़ेना आधिकारिक रिकॉर्ड से गायब हो गई थीक्लियोपेट्रा का बचपन राजवंश तौर पर गुज़रा, क्लियोपेट्रा के बचपन के शिक्षक फिलोस्ट्रैटोस थे जिनसे क्लियोपेट्रा को ग्रीक भाषा और ग्रीक संस्कृति का ज्ञान मिला लगभग सात साल की उम्र में, क्लियोपेट्रा को अलेक्जेंड्रिया के माउसियन में भेजा गया था जिसे आज के दौर में एकेडमी कहा जाता है। वहाँ क्लियोपेट्रा ने भूगोल, इतिहास, एस्ट्रोनॉमी, फिलोसोफी, इंटरनेशनल डिप्लोमेसी, गणित, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, जूलॉजी और इकोनॉमिक्स का अध्ययन किया। युवावस्था में आते-आते क्लियोपेट्रा कई भाषाएं समझ और बोल सकती थी क्लियोपेट्रा अपने राजवंश की एकमात्र सदस्य थी जो प्राचीन मिस्र बोलती थी और चित्रलिपि (हीरोग्लिफ्स) पढ़ती थी। इसके अलावा, वह प्राचीन ग्रीक और पार्थियन, यहूदी, मेडीज़, ट्रोगोडायटे, सीरियाई, इथियोपियाई और अरब की भाषाएँ जानती थीं।


कैसे बनी क्लियोपेट्रा मिस्र की रानी | How She Become Queen Of Egypt?

How She Become Queen Of Egypt
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क्लियोपेट्रा 14 साल की उम्र में अपने पिता टोलमी-12 के साथ रीजेंट (सलाहकार रानी) बन मिस्र की सत्ता संभालने लगी थी। पर 51 बी.सी में पिता के मृत्यु के बाद मिस्र की बागडोर 18 साल की क्लियोपेट्रा को सौंप दी गयी और अपने 10 साल के छोटे भाई टोलमी-13 से शादी कर वह मिस्र की राजगद्दी को नए सिरे से संभालना शुरू किया। प्रचीन मिस्र में राजा और रानी अक्सर भाई-बहन ही हुआ करते थे और उस दौर में भाई-बहन की शादी एक आम बात थी और ऐसा इसलिए भी किया जाता था ताकि राज सत्ता परिवार के पास ही रहे और कोई दूसरा सत्ता और साम्राज्य न हड़प सके


भाई-बहन को शासन चलाते हुए दो साल बीत गए पर टोलमी के सलाहकारों को यह बात पसंद नहीं आ रही थी की कोई महिला शासक उनपर राज करे और क्लियोपेट्रा के खिलाफ षड़यंत्र रचा जाना लगा। जब इस बात की खबर क्लियोपेट्रा को चली तो उसे मिस्र छोड़ कर भागना पड़ा और छुप-छुपाती वह सीरिया पहुंची। मिस्र छोड़ने के बाद क्लियोपेट्रा ने फ़ौज को जोड़ना शुरू किया ताकि मिस्र की पूर्वी सीमा पर पेलुसियम में अपने भाई का सामना कर सके पर मिस्र के राजसिंहासन को पाना इतना आसान नहीं था। इस दौरान जूलियस सीजर और रोमन जनरल पोम्पे के बीच गृहयुद्ध छिड़ गया था। रोमन जनरल पोम्पे पनाह मांगने के लिए टोलमी-13 के शरण में आया पर टोलमी-13 ने उसकी हत्या कर दी जब जूलियस सीजर अलेक्जेंड्रिया पहुंचा तो पोम्पे का कटा हुआ सर जूलियस सीजर को थाली में पेश कर दिया

 

क्लियोपेट्रा और जूलियस सीजर | Cleopatra And Julius Caesar

Cleopatra And Julius Caesar
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राजनीती की समझ रखने वाले क्लियोपेट्रा को यह जान गई थी की मिस्र की राजगद्दी वापस पाने के लिए रोमन का सपोर्ट चाहिए और उस समय रोमन साम्राज्य जूलियस सीजर के अधीन था। सीजर से मिलने के लिए क्लियोपेट्रा ने खुद को कालीन में छुपाया और कालीन बेचने वाले की मदद से जूलियस सीजर के सामने जा पहुंची, क्लियोपेट्रा की खूबसूरती देखकर सीजर उसके मोहपाश में फंस गए। क्लियोपेट्रा की बात मान सीजर ने अलेक्जेंड्रिया पर हमला कर दिया और जब रोमन की सेना अलेक्जेंड्रिया पहुंची तब टोलमी-13 वहां से भाग गया कई इतिहासकारों का कहना है की सीजर के साथ हुई जंग में वह मारा गया और यह भी कहा जाता है की नील नदी में डूबने से उसके मौत हो गयी जूलियस सीजर का सपोर्ट पा कर क्लियोपेट्रा ने मिस्र के राजसिंहासन को एक बार फिर हासिल किया और अपने भाई टोलमी-14 से शादी कर मिस्र की रानी बन गयी।

 

क्लियोपेट्रा के प्रेम प्रसंग | Cleopatra's Love Affairs

Cleopatra's Love Affairs
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तिहासिक सबूतों के मुताबिक़ क्लियोपेट्रा बेहद खूबसूरत और साथ ही अक्लमंद भी थी हम कह सकते है वह एक परफेक्ट उदहारण थी ब्यूटी विद ब्रेन्स का। क्लियोपेट्रा के करीब 150 साल बाद एक प्रसिद्ध लेखक हुए प्लूटार्क। वह लिखते है कि "क्लियोपेट्रा दिखने में सामान्य लड़की जैसी थी। लेकिन, उसकी आवाज़ में कुछ ऐसा जादू था कि लोग उसके मुरीद हो जाते। वह बेहद पढ़ी-लिखी थी। ऐसे में विद्वान लड़की से कौन प्रभावित ना होता। एक तरफ खूबसूरती और एक तरफ तेज़ दिमाग किसी को भी अपनी और करने में ज़रा भी देर नहीं करना और सही मौके पर सही दांव खेलना यह थी क्लियोपेट्रा की खासियत। ऐसा नहीं था की उस दौर में खूबसूरत महिला नहीं रही हो लेकिन क्लियोपेट्रा की शख्सियत ने उसे हमेशा सबसे ऊपर रखा। हालांकि क्लियोपेट्रा के सम्बन्ध कई मर्दों के साथ रहे लेकिन सब से ज्यादा प्रचलित है जूलियस सीजर और मार्क ऐंटोनी के साथ के प्रेम सम्बन्ध


Celopatra Movie Poster 1963
Image Credits - Celopatra Movie Poster 1963
 

जूलियस सीजर भी क्लियोपेट्रा की खूबसूरती की दीवाने हो गए थे और क्लियोपेट्रा से उनको प्रेम हो गया। जूलियस सीजर के द्वारा दिलाये मिस्र के राजगद्दी पर क्लियोपेट्रा मिस्र पर राज करने लगी और जब अपने भाइयों और बहन को मरवा कर मिस्र में क्लियोपेट्रा के लिए सारे रास्ते आसान हो गए तब क्लियोपेट्रा जूलियस सीजर से मिलने रोम गयी जहाँ उसका भव्य स्वागत किया गया। जूलियस सीजर और क्लियोपेट्रा के प्रेम सम्बन्ध से उसको एक बेटा हुआ जिसका नाम टोलेमी-15 सिजेरियन रखा गया। पर क्लियोपेट्रा का अच्छा वक़्त ज्यादा वक़्त के लिए नहीं रहा। 44 बी.सी में रोम में जूलियस सीजर की हत्या उनके के ही रोमन सेनिटर और साथी राजनेता द्वारा कर दी गयी।

 

क्लियोपेट्रा और मार्क ऐंटोनी | Cleopatra And Mark Antony

Cleopatra And Mark Antony
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सीजर की हत्या के बाद क्लियोपेट्रा मिस्र वापस आ गयी पर मिस्र आके क्लियोपेट्रा को यह चिंता सताने लगी की मिस्र की राजगद्दी पर टीके रहने के लिए उसे सीजर जैसे किसी ताकतवर शख्सियत की जरुरत थी। इसलिए वह मार्क ऐंटोनी से जा मिली, मार्क ऐंटोनी जूलियस सीज़र के अधीन एक रोमन जनरल था कहा जाता है की मार्क ऐंटोनी से मिलने के लिए वह अफ्रोदीती के लिबास में पहुंची। प्रचीन मिस्र में अफ्रोदीती प्रेम, सौंदर्य, इच्छा और कामुकता की देवी मानी जाती थी। जिस नाव पर सवार हो कर क्लियोपेट्रा मार्क अंटोनी से मिलने गयी थी वह पूरी सोने की बनी हुई थी और उसके चपु चांदी के थे। गौरतलब यह है की मार्क ऐंटोनी उसके इस मोहपाश में फंस गए और उसकी और उसके राजसिंहासन की रक्षा करने का वादा कर बैठे। मार्क ऐंटोनी ने क्लियोपेट्रा के प्यार में पड़ कर अपनी बीवी को छोड़ दिया कुछ समय के बाद उसकी मृत्यु हो गयी। मार्क ऐंटोनी और क्लियोपेट्रा के तीन बच्चे हुए। ऐंटोनी के प्रेम की ताकत के साथ क्लियोपेट्रा ने गद्दी पर अपना नियंत्रण और मजबूत किया और मिस्र को आजाद रखा।

 

मार्क ऐंटोनी की मृत्यु | Mark Antony's Death

Mark Antony's Death
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क्लियोपेट्रा के प्यार में दीवाने हुए मार्क ऐंटोनी ने अपनी पत्नी फुलविया को छोड़ दिया। फुलविया बीमार रहने लगी और कुछ वक़्त के बाद उसकी मौत हो गयी। यह बात जब ऑक्टिवियन को पता चली तब ऑक्टिवियन ने मार्क ऐंटोनी को रोम के लिए अपनी वफादारी साबित करने के लिए एक प्रस्ताव रखा जिसमे उन्होंने मार्क ऐंटोनी को अपनी बहन ऑक्टिविया से शादी करने को कहा, मार्क ऐंटोनी और ऑक्टिविया की शादी हो गयी। मिस्र क्लियोपेट्रा के शासन में और समृद्ध होने लगा। 37 बी.सी में क्लियोपेट्रा और मार्क ऐंटोनी की फिर मुलाकात हुई,और उनका प्रेम प्रसंग फिर चर्चा में आ गया। मार्क ऐंटोनी ने क्लियोपेट्रा के लिए ऑक्टिविया को छोड़ दिया रोम में क्लियोपेट्रा और मार्क ऐंटोनी के प्रेम प्रसंग की खबर आग की तरह फ़ैल गयी और इस बात से ऑक्टिवियन मार्क ऐंटोनी से बहुत ज्यादा खफा हो गए ऑक्टिवियन को लगने लगा की मार्क ऐंटोनी पूरी तरह से क्लियोपेट्रा के वश में आ गया है। 32 बी.सी में ऑक्टिवियन और मार्क ऐंटोनी के बीच के सम्बन्ध अंतिम पॉइंट पर आया और ऑक्टिवियन ने मार्क ऐंटोनी को गद्दार घोषित कर दिया और क्लियोपेट्रा के खिलाफ जंग छेड़ दी। यह जंग बैटल ऑफ़ एक्टियम के नाम से जानी जाती है। इस जंग में क्लियोपेट्रा और मार्क ऐंटोनी ने मिल कर ऑक्टिवियन का सामना किया पर क्लियोपेट्रा के दिए सैन्य बल के बावजूद भी मार्क ऐंटोनी जंग हार गया। अलेक्जेंड्रिया पर ऑक्टिवियन ने हमला कर दिया और यह अफवाह फैलाई की क्लियोपेट्रा मर गयी यह बात जब मार्क ऐंटोनी को पता चली तब उसने अपने ही तलवार से अपनी जान ले ली।

 

क्लियोपेट्रा की मृत्यु और टॉलेमी वंश का अंत | Cleopatra Death & End Of Ptolemaic Dynasty

Cleopatra Death & End Of Ptolemaic Dynasty
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30 बी.सी में मार्क ऐंटोनी की मौत के बाद ऑक्टिवियन अलेक्जेंड्रिया पहुंचा जहां क्लियोपेट्रा की उसकी मुलाकात हुई। जिस तरह से क्लियोपेट्रा की छवि बनी हुई है कहा जाता है ऑक्टिवियन के सामने भी क्लियोपेट्रा ने किसी ना किसी तरह का प्रस्ताव रखा होगा पर ऑक्टिवियन क्लियोपेट्रा के दांव पेंच को अच्छी तरह जानता था। ऑक्टिवियन के साथ क्लियोपेट्रा की यह मुलाक़ात कारगर साबित नहीं हुई तब ऑक्टिवियन के हाथ से बचने के लिए क्लियोपेट्रा ने अपनी नौकरानियों के साथ खुद को एक कमरे में बंद कर लिया, क्यों की वह जानती थी की ऑक्टिवियन के हाथ आने पर उसकी दुर्गति निश्चित थी। क्लियोपेट्रा की मौत कैसे हुए इसकी सटीक जानकारी अभी तक नहीं है लेकिन तिहासिक प्रमाणों की माने तो क्लियोपेट्रा ने एस्प (ASP) नामक विषैले सांप से खुद को कटवा लिया जिससे उसकी मौत हो गयी। क्लियोपेट्रा की मौत के बाद ऑक्टिवियन ने उसके बेटे सिजेरियन को भी मरवा दिया जिसके साथ ही टॉलेमी साम्राज्य का अंत हो गया और मिस्र को रोमन साम्राज्य में मिला लिया क्लियोपेट्रा को उसकी इच्छा के मुताबिक उसको मार्क ऐंटोनी के साथ ही दफना दिया गया
 
 
क्लियोपेट्रा ने अपनी ज़िन्दगी अपने शर्तो पर जी और अपने ही शर्तो पर मौत को गले लगाया। क्लियोपेट्रा ने यह साबित किया की अगर औरत चाहे तो सब कुछ हासिल कर सकती है। मिस्र की इस रानी ने इतिहास के पन्नो पर अपनी एक गेहरी छाप छोड़ी और एक प्रभावशाली शख्सियत के रूप में उभर के सामने आयी। क्लियोपेट्रा की कहानी आज भी इतिहासकारों और खोजकर्ताओं के लिए एक चर्चा का विषय है। क्लियोपेट्रा का मकबरा आज तक ढूंढा नहीं जा सका है खोजकर्ता और विशेषज्ञ आज भी क्लियोपेट्रा के मकबरे को ढूंढ रहे है।

 
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